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अगर सूरज गायब हो गया तो क्या होगा ?

          

         यह घटना काल्पनिक है...



इस घटना को पूरा पढ़ने के बाद आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे।

■क्या होगा अगर सूरज अचानक से गायब हो जाए 1 घंटे के लिए 1 दिन के लिए 1 महीने के लिए या फिर 1 साल तक अगर गायब रहे क्या होगा। यह घटना काल्पनिक तो जरूर है, मगर किसी भी तरह असल में हुआ तो क्या होगा उसको आप अभी देखने वाले देखते हैं और चलते हैं इस घटना के अंदर जो आपके रोंगटे खड़े कर देगे ।

●चंद्रमा के साइज का एक बड़ा स्पेसशिप सौरमंडल के अंदर आ चुका है धरती के लोग इस बात से बेखबर हैं ।स्पेसिफिक दूर के तारामंडल में रहने वाले एलियंस (alliance) का जो कि सूरज को लेने आए उठाएं सेंस्क्वेयर नाम का एक  कार्ड वास मशीन ले आए इसकी मदद से वह सूरज को अंदर डालकर अपने सौरमंडल में ले जा रहे हैं, सूरज ही वह चीज है जो अपनी गुरुत्वाकर्षण बल की मदद से धरती को अपने चारों तरफ घुमाता रहता है।

■पर जैसे ही उन्होंने सूरज को अपने जगह से हटाया वैसे ही सौरमंडल के सारे ग्रह मंगल,बुध,बृहस्पति यह सब अपनी जगह से हिल कर अलग अलग हो गए। और अब अंतरिक्ष में धरती अपनी कंट्रोल करने लगी अब कंट्रोल में रखें और अभी भी सब कुछ नॉर्मल दिख रहा है 

और आसमान में सूरज सही सलामत दिख रहा है पर किसी को नहीं पता सौरमंडल के सबसे इंपोर्टेंट element को किसी ने चुरा लिया है।
 इसलिए लाइट को धरती पर पहुंचने में करीब  8 मिनट 20 सेकंड लगते लगा अंतरिक्ष में सूरज को ले जा चुके हैं, 
और धरती पर इसका प्रभाव ठीक 8 मिनट 20 सेकंड बाद  होगा 8 मिनट 20 सेकंड की धरती पर अचानक से अंधेरा छा गए अचानक से 1 सेकेंड के अंदर रात हो गई और आसमान के सारे तारे आप साफ-साफ दिखने लगे क्योंकि सूरज का कोई लाइट नहीं बचा तारों को चांद और बाकी ग्रह भी दिखाई देना बंद हो चुकी है।  

क्योंकि जैसा कि आपको पता होगा चांद का अपना कोई लाइट नहीं है, सूरज का लाइट जब उस पर पड़ता है तभी हमें वह दिखता है और क्योंकि अब सूरज की लाइट बंद  हो चुका है, इसलिए चांद भी नहीं दिख रहा इस घटना का असर सबसे भयानक तरीके से पेड़ पौधों पर पड़ा है। 

■सूरज की लाइट की हेल्प से पौधे जिंदा रहते थे प्रोसेस चलता था । इसे फोटोसिंथेसिस कहते हैं और जैसे ही सूरज गायब हुआ अब लाइट नहीं है इसलिए पेड़ पौधे ऑक्सीजन प्रोड्यूस नहीं कर पा रहे हैं 1 घंटे आधी दुनिया को समझ नहीं आ रहा था वहां भी खबर पहुंच चुकी है। पूरी तरह  रात हो चुकी पूरी दुनिया इस घटना से हैरान है।

■टेंपरेचर (तापमान) धीरे-धीरे गिरने लगा धरती धीरे-धीरे ठंडी होने शुरू हो गयी और धरती के अंदर का जो और है उसके चलते धरती अभी भी अच्छी खासी गर्म  है,और ज्यादा फर्क नहीं पड़ा है आज 24 घंटे बीत चुके हैं सब कोई सूर्योदय की उम्मीद कर रहा है पर सुबह के 8:00 बज गए पर अभी तक कोई सूरज नहीं निकला गवर्नमेंट (Government) भी कुछ नहीं कर पा रही क्योंकि यह घटना इंसानों के हाथ में नहीं है ।और  तापमान 8 डीग्री सेल्सियस तक नीचे गिर गया , और जानवर अचानक से बदलते मौसम के चलते कमजोर होना शुरू हो गए सारा सिस्टम नष्ट हो चुका है।

■पर समुंदर के अंदर के जो जीव है उन्हें कुछ चेंज नहीं देखा उनके लिए उनकी दुनिया अभी भी वही अभी भी जगह-जगह पर थोड़ी गर्मी बची हुई क्योंकि धरती के वायुमंडल की एक खासियत यह है, उससे मिली गर्मी कुछ दिनों के लिए अपने अंदर रख सकता है।

■जिसके चलते ऐसी नौबत नहीं आए हर जगह बर्फ ही बर्फ़  हो जाए सूरज के बिना सिर्फ 3 या 4 दिन तक रह सकती 7 दिन बाद 7 दिन बीत चुके अभी भी धरती पर अंधेरा छाया हुआ है और तापमान माइनस में पहुंच गया है।    - 20 डिग्री सेल्सियस का डर था वही जीरो डिग्री सेल्सियस में पानी बर्फ  बन जाता है पूरी दुनिया की टेंपरेचर टीवी और इंटरनेट अचानक से बंद हो गई थी ।



सेटेलाइट से सूरज की रोशनी से पावर मिलती थी सोलर पैनल के जरिए उनकी पावर ऑफ हो गई है किसी भी तरह से हाई पावर बैटरीज की मदद से वह 7 दिनों तक तो चल गई और वैज्ञानिकों ने कभी यह नहीं सोचा था सूरज नहीं रहेगा ऐसा भी दिन है इसलिए उन्होंने कोई बैकअप प्लान  नहीं बनाया था।

दुनिया के जितने भी समुंदर और नदियां हैं सारी की सारी और जम  चुकी माइनस- 20 डिग्री सेल्सियस टेंपरेचर कैसे पूरी दुनिया चली गई क्योंकि जिस जाम के पानी से बिजली बनती है इसलिए मोबाइल फोन टावर भी ऑफ हो चुके हैं और लैंडलाइन फोन भी बंद हो गई क्योंकि इस दुनिया को ऑन रखने वाली बिजली गुल हो चुकी है सिर्फ कुछ ही जगह पर बिजली बची है जहां पर दूसरे माध्यमों से बिजली बनाया जाता है और धरती का पूरा सिस्टम इधर से उधर होने के चलते वह भी कुछ ही दिनों में बंद होने वाले लोग अपने रिलेटिव से फोन पर बात नहीं कर पा रहे इंटरनेट से जुड़ी वही दुनिया पूरी तरह से डिस्कनेक्ट हो चुकी है। पेड़ पौधे मर चुके है। 

क्योकि बिना सूरज और बिना फोटोसिंथेसिस के वो  इतने दिनों तक जिंदा नहीं रह सकते है और पेड़-पौधों खाने वाले जानवर भी अब धीरे-धीरे मर रहे हैं क्योंकि पेड़ पौधे अपने आप को जिंदा नहीं रह पाए और सुख रहे हैं इसके चलते पूरी धरती पर इसकी कमी हो गई और उसने पेड़ अब तक नहीं बचे जिससे सारे जानवरों को खाना मिल पाए जो पैसे वाले लोग हैं उन्होंने इन 7 दिनों में अपने लिए बेसमेंट बनवा लिया है ताकि कपकपाती ठंड से बच पाए और एक सुरक्षित जगह पर कम से कम ज़िंदा रह सके  गवर्नमेंट गरीब लोगो को अंडरग्राउंड बेसमेंट बना रखी थी उसमें जाके रह पाए और इस ठंड से बच पाए सारे लोग एक समूह में जी रहे हैं हर समय पर अब रात ही रात है।

 आसमान की तारों का एक अलग ही मैप दिख रहा है धरती अंतरिक्ष में तैरते तैरते किसी अनजान जगह में आ अकेले चुकी है एक महीने बाद धरती अब ठंडी और ठंडी होती जा रही है ।तापमान करीब -40 डिग्री पहुँच चुका है और  कुछ अन्तरिक्ष से धरती अब कुछ ऐसा दिख 





ऐसा दिख रहा है जमी हुई धरती जो कपकपा रही है ।ऑलमोस्ट पूरी धरती अब बर्फ  से ढक चुकी है धरती के लगभग सारे पेड़ पौधे मर चुके है। उनको  छोड़कर उन  पेड़ पौधों को ठंडी जगहों में पहले से रहने की आदत धरती के अंदर जानवर अब मर चुके है ।

 समुंद्र के अंदर की जीव की बात करें तो समुद्र जमने  लगे है और समुन्द्र के अंदर जीव जंतु अब तक मर चुके है क्योंकि सारे पेड़ पौधे खत्म हो चुके हैं इसलिए CO2 कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा हवा में अब एक महीने बाद इतनी हो चुकी है हर एक सांस अब सिगरेट की धुँआ की जितनी खतरनाक हो चुकी है,जो पेड़ पौधे जीवित थे। वो अब मर चुके है, अब हवा को साफ रखने के लिए कोई भी पेड़ पौधे भी नहीं रहा एक और जगह है जहां पर समुंद्री जीव अभी भी बचे हुए हैं, जहां पर भी हीट ज्यादा है जैसे वो नादिया ज्वालामुखी के आसपास है वो नादिया अभी तक तरल रूप में है। अभी 1 महीने बाद भी कुछ जीवन बचा हुआ है। 1 साल बाद जो जीवन बचा हुआ था वह खत्म हो चुका है सारे वोल्कानोइस 

अनइमेजिनेबल ठंड के चलते निष्क्रिय हो गए , जिसके चलते जो समुंद्र में नहीं थे।वह भी आ चुके शिवाय एकाध को छोड़कर धरती पर ठंड इतनी बढ़ चुकी है अव कोई जानवर धरती पर मौजूद नहीं है धरती की सतह पर जो पहले  वह हजारों गुना मोटी हो गई अब कुछ ऐसी बिल्डिंग में जमे हुए और बड़ी-बड़ी चट्टानें आश्चर्यजनक तरीके से एक जगह बची हुई है अब सिर्फ एक ही जगह है जहां जीवन अब सिर्फ एक ही जगह है जहां जीवन अभी भी चल रही है वह समुंदर के सबसे गहरे पाठ में वही एक जगह है जहां पर धरती की ओर से उसे ताप मिल रही है जिसके चलते अभी भी वहां पानी बचा है।

और जिंदगी मौजूद है और इसके साथ-साथ जितने लोग हो सके उतने लोग साउथ ओर नॉर्थ पोल की तरफ चले गए क्योंकि वह धरती किस पार्ट में मौजूद है जहां बहुत सारा जियो थर्मल एक्टिविटी मतलब धरती की ओर से हीट मिलती थी इसके चलते हज़ार साल बाद हजार साल बाद 4 हज़ार साल की है और अभी तक सूरज नहीं निकला धरती की आबादी खत्म होती जा रही धरती पर ना ही कोई पेड़ है और ना ही कोई जानवरों के पास खाने का कोई सोर्स नहीं बचा धरती में ऑक्सीजन की मात्रा अब ना के बराबर 1100 साल बाद और 100 साल बीत चुके धरती का तापमान माइनस -160 डिग्री तक पहुंच गया और इस तापमान में इंसानों को कुछ ऐसा हाल हुआ है 1100 सालों भारतीय अंतरिक्ष में तैरते में एक अनजान नहीं जगह में आ गए,सौरमंडल से बहुत दूर और इधर दूसरे साइड जूपिटर, सैटर्न, मार्स,मर्करी सारे ग्राहकों किलोमीटर दूर दूर हो चुके एक दूसरे से धरती फाइनल 1100 साल में प्यार दे प्यार दे उस जगह आ गई है जहां पर अंतरिक्ष ग्रैंडमास्टर वार्ड 38 में रहते हैं। और बहुत खतरनाक रेडिएशन भी आती रहती हो कभी भी ऐड कर सकते अपने सफर के आखिर में बहुत तेजी से आगे सब कुछ खत्म हो गए और अगर यह भी हुआ कोई जरूरत नहीं है दोस्त सिर्फ एक हाइपोथेसिस यानी हमेशा  यह जाने को मिलता है हमारे लिए कितना जरूरी है और सूरज ही वजह है कि जल्द ही संभव हो पाया है,सूरज के बिना धरती कुछ नहीं इसलिए भगवान का दर्जा दिया जाता है।

इस कहानी में साइंस को मैं क्लियर करना चाहूंगा जो मैंने शुरू में बोला 8 मिनट देख लो आसमान में सूरज सही सलामत दिखेगा भला कैसे असल में लाइट को ट्रैवल करने में बहुत समय लगता है अगर मंगल ग्रह पर आपका कोई दोस्त है और वहां से आपको हाय करता है, तो आपको धरती पर वह 3 मिनट बाद दिखेगा मतलब अगर रात को दूरबीन से अगर आप मंगल ग्रह को लाइक देखो तो असल में ऑनलाइन नहीं है असल में 3 मिनट की इंटरेस्टिंग एग्जांपल लिए मान लो यहां से 66 अरब प्रकाश वर्ष दूर का एक टैलेंट है जिसमें इंसान जैसे एडवांस्ड जीव रहते हैं बहुत ही पावरफुल टेलिस्कोप से धरती को लोग देखेंगे एक्चुली में डायनासोर्स को देखेंगे धरती तक लाइट को पहुंचने में 1 साल लगते हैं इसलिए अगर रियल टाइम में भी वह धरती को देखें असल में डायनासोर को देखें तो हम इंसान जी रहे हैं।

और इस चीज को देखते हुए और एक अमेजिंग फैक्ट लिए निकलता है रात को जो आसमान में आप इतने सारे तारे देखते हो असल में वहां नहीं कब के मर चुके वो सब पास्ट के है, फास्ट है अरबों खरबों प्रकाश वर्ष दूर के तारे इसलिए आज से 1 अरब साल पहले जो था पक्का लाइट हमें अभी जाकर पहुंचा लाइट को पहुंचने में इतना समय लगा इसका मतलब 12 अरब साल पुरानी चीज को हम अभी देख रहे हैं अभी इस मूवमेंट में एक्चुअल में इस समय में वहां क्या होगा यह कोई नहीं जानता जो आप देख रहे हो वो सब पास्ट है,आसमान में शाम के वक्त जवाब लाल सूरज देखते हो वह असल में 8 मिनट पहले का दृश्य आप देख रहे हो आप लाइव सूरज को देखते हुए भी लाइव सूरज को नहीं देख पाते बड़ी अमेजिंग बात है। सूर्य के गायब होने से ये हो सकता है ये आर्टिकल आपको कैसा लगा नीचे कमेंट जरूर करना  और शेयर जरूर कर देना।

         


                   Writer pavan 






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